ज़िंदगी एक सफ़र है — कभी रौशन, कभी अंधेरा। और इस सफ़र में कुछ ऐसे पल आते हैं जो हमें ठहरकर सोचने पर मजबूर कर देते हैं। हर कैंडल और हर चाय, इन पलों की बेहतरीन हमसफ़र होती हैं। ये सिर्फ़ चीज़ें नहीं, एहसास होती हैं। हर कैंडल में एक कहानी छिपी होती है, और हर चाय के साथ एक नई शुरुआत होती है।
कैंडल जलती है तो सिर्फ़ रौशनी नहीं देती, वह अपने साथ एक जज़्बा भी ले आती है। शायद वह कैंडल किसी उत्सव का हिस्सा हो, या किसी शांत पल में जलाई गई हो — हर बार उसकी लौ एक कहानी कह जाती है।
एक कैंडल किसी की यादों की निशानी हो सकती है...
एक कैंडल किसी के इंतज़ार में जल रही हो सकती है...
या फिर वह एक दुआ हो सकती है, जो रौशनी बनकर आसमान तक पहुँचती है।
कैंडल की रौशनी एक भूली-बिसरी मुस्कान याद दिला सकती है, एक खोई हुई याद को फिर से ज़िंदा कर सकती है। हर बार जलते समय, ये हमें याद दिलाती है कि अंधेरा चाहे जितना भी गहरा हो, एक छोटी सी लौ भी उसे मिटा सकती है।
चाय — एक गरम कप में बंधी हुई तसल्ली। सुबह की थकान हो, दोपहर का सुकून, या शाम का अकेलापन — चाय हर समय साथी बन जाती है। हर चाय एक ठहराव है, जहाँ से हम दोबारा शुरुआत कर सकते हैं।
चाय के साथ दोस्ती गहरी होती है, परिवार की बातें होती हैं, और तन्हाई भी कुछ देर के लिए मीठी लगती है। चाय के हर सिप के साथ एक नई सोच आती है, एक नई ऊर्जा। जैसे दिल के अंदर से कोई आवाज़ कहती हो — "चलो, फिर से कोशिश करते हैं।"
हर चाय एक नई कहानी लिखने का मौका है — चाहे वह डायरी के पन्नों पर हो या ज़िंदगी के सफ़र में।
ज़िंदगी इन्हीं पलों से बनती है
बड़ी बातें, बड़े प्लान, बड़े लक्ष्य — ये सब ज़रूरी हैं। लेकिन ज़िंदगी की असली खूबसूरती छोटी-छोटी बातों में छुपी होती है:
एक कैंडल की रौशनी में छिपी एक याद,
और एक चाय के कप में बसी एक उम्मीद।
तो अगर कभी ज़िंदगी से थक जाओ, कुछ समझ न आए — एक कैंडल जलाओ, एक चाय बनाओ।
शायद वो लौ तुम्हें तुम्हारा रास्ता दिखा दे।
शायद वो चाय तुम्हारा हौसला वापस ले आए।
हर कैंडल एक कहानी है।
और हर चाय एक नई शुरुआत।
ज़िंदगी इसी रौशनी और इसी गरमाहट से चलती है।
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